मोबाइल कितना सिक्योर कैसे जाने - festival dhamaka

11 Jan 2019

मोबाइल कितना सिक्योर कैसे जाने


       आज के Date में कोई भी टेक्नोलॉजी से अछूता नहीं रहा है। हर व्यक्ति के पास मोबाइल फ़ोन होना बेसिक हो गया है। न जाने हम प्रतिदिन कितनी बार अपने फ़ोन का इस्तेमाल करते है। जिसमे हम इसे अपने प्राइवेट जानकारी एवं  डाटा को भी स्टोर करते है। लेकिन हम नहीं जानते है की ये जानकारी केवल हमारे पास ही नहीं बल्कि उन सभी के पास भी होते है, जिनके प्रोडक्ट हम यूज़ कर रहे होते है। चाहे वो नेटवर्क प्रोवाइडर हो या  Third  Party Application Provider चलिये जानते है कि  हमारा मोबाइल कितना सिक्योर है।

फोन के माइक और पिक्चर गैलरी तक पहुंच जाते हैं एप, 1 फीसदी यूजर भी नहीं पढ़ते डाउनलोड पॉलिसी 


   विशेषज्ञों का कहना है कि आम आदमी का इस्तेमाल  जब से उसने स्मार्टफोन  में ThirdParty एप डाउनलोड  करना शुरू  किया। डेटा लीक पर मास्टरिंग मेटॉपलॉट, मेटोपलॉयट  बूट कैंप  किताब लिखने बाले निपुन जायसवाल   बताया की थर्ड पार्टी को  डेटा जाने के   बाद इसका कई  तरह से इस्तेमाल किया है।   जैसे , गूगल पर  जो चीज ज्यादा सर्च  करते हैं या पढ़ते हैं उससे संबंधित विज्ञापन  और कंटेंट प्राथमिकता के साथ आने लगते हैं। फोन के माइक और पिक्चर गैलरी तक पहुंच जाते हैं एप, 1 फीसदी यूजर भी नहीं पढ़ते डाउनलोड पॉलिसी


           आईटी एक्ट के डेटा लीक को  परिभाषित किया गया है, लेकिन थर्ड पार्टी को डेटा शेयर करने पर कोई नियम नहीं है। कुछ ऐसे एप भी है जिनका आपके डेटा से कोई लेना देना नहीं।  फिर भी वह आपके कैलेंडर, माइक , कॉन्टैक्ट्स, टेलीफोन , पिक्चर गैलरी आदि की अनुमति मांगता है।  यह इसलिए क्योंकि कानून में यह स्पस्ट  नहीं है कि एप किस डेटा  के सकता है।

यूजर इस तरह देते हैं अपना डेटा  :-

 एप डाउनलोड  के समय इस्टॉलेशन  फाइल गूगल के सर्वर पर ले जाती है।  एप  इनस्टॉल होने  से पहले बताया है कि  यह आपसे फोटो , एसएमएस, कांटेक्ट लिस्ट, वीडियो आदि  का लेगा।  यह अपने सर्वर  से यूजर  के मोबाइल  को कनेक्ट करता है।

1% यूजर भी नहीं पढ़ते  पॉलिसी :-

एप पॉलिसी  में साफ लिखा होता है कि  वह आपका डेटा  कहा और कितना लेगा।  विशेषज्ञों का कहना है कि  1% से भी कम यूजर पॉलिसी पढ़ते है।

ओटीपी के बहाने यूजर की जानकारी :-

गूगल , फेसबुक  और वॉट्सएप की सेवाएँ  लेने के लिए वीडियो, फोटो,  कॉन्टैक्ट लिस्ट , एसएमएस जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करनी पड़ती है।  आपके मोबाइल पर आए ओटीपी को भी से पढ़  लेते है। ओटीपी के भने यूजर के एसएमएस की जानकारी एप के पास  होती है।
                                            

कैसे बचे :-

एप में अवांछित एक्सेस की डिसेबल करें :-
  1.  सेटिंग में एप परमिशन का  स्टेटस देखिए। जिनकी एक्सेस  नहीं देंय उन्हें डिसेबल कर दें। 
  2.  दो मेल आईडी  रखें।  बैंक कम्युनिकेशन  वाले आईडी  मोबाइल से कनेक्ट न करें। 
  3.  दो मोबाइल भी रख सकते हैं।  एक पर सोशल मीडिया और दूसरे पर निजी काम करें। 
ऐसे कर सकते हैं कॉल डायवर्ट या फॉरवर्ड 
    1.  *#21#   :  इससे पता लगेगा कि आपकी कॉल या एसएमएस कहीं डायवर्ट तो नहीं की गई है। 
    2.  *#62#   :  इससे पता चलेगा कि वॉयस कॉल कहां फॉरवर्ड की गई है। 
    3.  ##002# :  ऐसे डायल करते ही डायवर्ट और फॉरवर्ड की सभी सुविधायं बंद हो जाती हैं। 
    मिलते - जुलते नाम वाले एप से बचें :-

      गूगल प्ले स्टोर पर वॉट्सएप जैसे नाम से "वॉट्सएप  अपडेट " एप मौजूद था।  एप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग देखे।  रेटिंग 4 या अधिक होनी चाहिए।  एप के नीचे  डेवलपर का नाम भी देखें।

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